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Sunday, December 20, 2009

सावन के कुछ पल तुम्हारे...

सावन के कुछ पल तुम्हारे, नाम मेरे तुम कर देना,

और उनके बदले में, चाहे जो तुम मुझसे ले लेना.

आँखों में मेरी गिरती है जो, हल्की हल्की बारिश लेना,

या फिर मेरे दिल से, प्यार की कोई सिफारिश लेना,

लेकिन,

सावन के कुछ पल तुम्हारे, नाम मेरे तुम कर देना.

हाँ तुम्हारी यादों के ही कुछ बादल है मेरे दिल में,

और दिल में धूप छाँव के कुछ है फेरे,

धूप मेरी, छाँव तुम्हारी, जब चाहो तब ले लेना,

लेकिन,

सावन के कुछ पल तुम्हारे, नाम मेरे तुम कर देना.

कुछ थमे से पल जिनसे, आँगन मेरा भरा पड़ा है,

कुछ बिखरी यादों में, चाँद हक़ जमाये खडा है,

सारे बिखरे रूप तुम्हारे, जब चाहो तब ले लेना,

लेकिन,

सावन के कुछ पल तुम्हारे, नाम मेरे तुम कर देना.

दिल का मेरे हिस्सा है, जो पल तुम्हारे पास है,

और उनमे तुम हो हमारे, ये चीज़ भी ख़ास है,

हर पल मेरी खुशियों का, जब चाहो तब ले लेना,

लेकिन,

सावन के कुछ पल तुम्हारे, नाम मेरे तुम कर देना.

3 comments:

neelam said...

आँखों में मेरी गिरती है जो, हल्की हल्की बारिश लेना,

या फिर मेरे दिल से, प्यार की कोई सिफारिश लेना,

sabse achchi panktiyaan

Ashish said...

Nice, melodious.. loved it.

Ashish said...
This comment has been removed by the author.