Blogvani

Sunday, December 20, 2009

सावन के कुछ पल तुम्हारे...

सावन के कुछ पल तुम्हारे, नाम मेरे तुम कर देना,

और उनके बदले में, चाहे जो तुम मुझसे ले लेना.

आँखों में मेरी गिरती है जो, हल्की हल्की बारिश लेना,

या फिर मेरे दिल से, प्यार की कोई सिफारिश लेना,

लेकिन,

सावन के कुछ पल तुम्हारे, नाम मेरे तुम कर देना.

हाँ तुम्हारी यादों के ही कुछ बादल है मेरे दिल में,

और दिल में धूप छाँव के कुछ है फेरे,

धूप मेरी, छाँव तुम्हारी, जब चाहो तब ले लेना,

लेकिन,

सावन के कुछ पल तुम्हारे, नाम मेरे तुम कर देना.

कुछ थमे से पल जिनसे, आँगन मेरा भरा पड़ा है,

कुछ बिखरी यादों में, चाँद हक़ जमाये खडा है,

सारे बिखरे रूप तुम्हारे, जब चाहो तब ले लेना,

लेकिन,

सावन के कुछ पल तुम्हारे, नाम मेरे तुम कर देना.

दिल का मेरे हिस्सा है, जो पल तुम्हारे पास है,

और उनमे तुम हो हमारे, ये चीज़ भी ख़ास है,

हर पल मेरी खुशियों का, जब चाहो तब ले लेना,

लेकिन,

सावन के कुछ पल तुम्हारे, नाम मेरे तुम कर देना.

Wednesday, December 16, 2009

अब मैं सिर्फ सच बोलता हूँ…

पहले जब तुम्हे मुझसे मोहब्बत थी,
मैं कभी कभी झूठ बोला करता था,
अब सिर्फ सच बोलता हूँ.

अब मैं सिर्फ सच बोलता हूँ,
अपने आप से,
क्योंकि अब तुम मुझे नहीं सुनती,
कोई ओर भी नहीं सुनता है.

अब मैं सिर्फ सच बोलता हूँ,
पर इस रिश्ते की शिथिलता के,
बारे में नहीं,
बल्कि साथ बिताई गर्म यादों के बारे में.

उन गर्म यादों के बारे में,
जहाँ तुम मेरा हाथ पकड़कर,
दुनिया के सामने मेरे साथ चलने की तैयार थी.

उन गर्म यादों के बारे में,
जहाँ तुम्हारी सुबह-शाम,
सिर्फ मैं हुआ करता था.

वो यादें जिनमें सपने थे साथ जीवन बिताने के,
ओर तुम्हारे प्यार की गर्माहट थी.

अब मैं सिर्फ सच बोलता हूँ,
क्योंकि अब मैं तुम्हे पहले से ज्यादा,
प्यार करने लगा हूँ.